Shahid Mirza is best programmer in the World

Sunday, November 6, 2011

क्या आप लोगिन पासवर्ड भूल गए

जब लोगिन स्क्रीन आती है तब ctrl+alt+del को दो बार दबाओं

फिर एक नई स्क्रीन आयगी इसमें टाइप करो

user name adminstrator

pass word नहीं डालना है आपका कम हो जायेगा

पेन Drive से बूटिंग- है ना कमाल

पेन ड्राइव को बूटेबल बनाकर उसके द्वारा हार्ड डिस्क के पार्टीशन बनाने एवं फोर्मेट करके winxp इंस्टाल करने के लिए आप को जिन चीजों की आवश्यकता होगी वो निम्न प्रकार हे | काम आरम्भ करने से पहले ये सारी चीजे आपके पास होनी चाहिए |

1.पेन ड्राइव कम से कम 8 GB |

2.winxp की cd जिसके द्वारा आप आज तक winxp इंस्टाल करते आये हे | इस पूरी cd की सारी फाइल्स और फोल्डर को ctrl +A द्वारा सिलेक्ट करके अपने कम्प्यूर में एक फोल्डर बनाकर कोपी कर लीजिये |
3.आप यह सुनिश्चित कर ले की आपके कम्प्यूटर का bios , usb पेन ड्राइव द्वारा बूट होने को support करता हे अथवा नही |
इस कार्य के लिए आपको जिन utilities की आवश्यकता होगी उनको मेने एक फोल्डर में इकठ्ठा करके जिप करके अपलोड कर दिया हे | में लिंक नीचे दे रहा हूँ | आप उसको डाउनलोड कर लीजिये |
IF You Wanna this software than Cont. 9811387541 ( By Mr. Shahid Mirza)

अब इस डाउनलोड की हुयी फाइल किसी भी ड्राइव में जाकर extract कीजिये | इसको खोलने पर आपको एक फाइल मिलेगी जिसका नाम होगा USB_MultiBoot_10.cmd .आपको केवल इस फाइल पर ही डबल क्लिक करना हे | वास्तव में यह एक बेच फाइल हे जिसमे सारी कमांड्स एक एक करके क्रम में लिखी गयी हे |
एक आवश्यक बात-इस फोल्डर में कई सारी प्रोग्राम फाइल हे उन को डबल क्लिक बिलकुल न करे |

असुरक्षित हो सकता है Ctrl+C कमांड आपके कम्प्यूटर के लिए (Control C is not safe)

कन्ट्रोल सी (Ctrl+C) क्या है?

कन्ट्रोल सी का आमतौर पर उपयोग किसी डेटा को एक स्थान से दूसरे स्थान पर कॉपी करने के लिए होता है.

यह कमान्ड सूरक्षित क्यो नहीं है?

कन्ट्रोल सी उपयोग करने पर डेटा क्लिपबोर्ड में सुरक्षित रहता है, लेकिन जब हम इन्टरनेट से कनेक्ट होते है और इस कमान्ड का उपयोग करते है तो यह डेटा इन्टरनेट पर जावा स्क्रिप्ट (Java Script) व एएसपी Active Server Pages (ASP) के द्वारा कहीं भी एक्सेस किया जा सकता है.

एक प्रयोग के द्वारा आप देख सकते है. (केवल इन्टरनेट एक्सप्लोरर उपयोगकर्ता के लिए)

1. इन्टरनेट से कनेक्ट करें.
2. कन्ट्रोल सी के द्वारा किसी टेक्सट को कॉपी करें.
3. इस पर क्लिक करें http://www.sourcecodesworld.com/special/clipboard.asp

आप देखेंगे कि जो टेक्सट आपने कॉपी किया है, वह इस वेब पेज पर दिखाई देगा.

कुछ बातें जो ध्यान रखें.

पासवर्ड, क्रेडिट कार्ड नम्बर, पीन इत्यादि इन्टरनेट का उपयोग करते समय क्लिपबोर्ड में ना रखें. अर्थात इन्हे कन्ट्रोल सी के द्वारा कॉपी ना करें

कैसे निकाले अटकी हुई सीडी/डीवीडी ड्राइव से

यदि आपकी सीडी या डीवीडी, ड्राइव में फंस गई है और आप निकाल नहीं पा रहे है तो नीचे दिये गये कुछ चरण आपको सीडी निकालने में मदद कर सकते है.



सीडी ड्राइव में सामने की ओर ट्रे के ठीक नीचे एक होल होता है जिसे इमरजेंसी होल कहते है. एक 3 इन्च लम्बी पीन लेकर इसमें डाले और हल्का सा प्रेस करें. सीडी ड्राइव की ट्रे थोड़ी सी बाहर की तरफ आ जायेगी.



अब ट्रे को आप आसानी से हाथ से पकड़कर बाहर की ओर खींच सकते है.



अब कम्प्यूटर ऑन कर सकते है

Learn Computer By Mr. Shahid Mirza

Computer Fundamentals

कम्प्यूटर क्या है? What is a Computer ?

कम्प्यूटर एक इलेक्ट्रोनिक उपकरण है जो डेटा लेता है उसे प्रोसेस करता है तथा एक अर्थयुक्त परिणाम हमें देता है. कम्प्यूटर अपनी उच्च संग्रह क्षमता, गति, स्वचालन, सक्षमता, शुद्धता, सार्वभोमिकता, विश्वसनीयता, याद रखने की शक्ति के कारण हमारे जीवन के हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण होता जा रहा है.

कम्प्यूटर में एक बार डेटा इनपुट करने के पश्चात उन्हें प्रोग्राम में दिये गये निर्देशों के द्वारा अलग अलग प्रकार के कार्यों के लिये अलग अलग परिणाम प्राप्त किया जा सकता है.
कम्प्यूटर द्वारा अधिक सूक्ष्म समय में अधिक तीव्र गति से गणनाएं की जा सकती है
कम्प्यूटर द्वारा दिये गये परिणाम अधिक शुद्ध होते है.

निष्कर्षत: कम्प्यूटर मुख्य कार्य करता है-

* इनपुट उपकरणों द्वारा डेटा लेना
* डेटा को मेमोरी में स्थानतरित करना
* डेटा को प्राप्त कर निर्देशों के द्वारा गणनाएं (Processing) करना.
* डेटा का विश्लेषण करना
* अंत में परिणामों को आउटपुट उपकरणों पर भेजना

कम्प्यूटर की पीढ़िया (Computer Generations)

वेज्ञानिकों ने कम्प्यूटर के इलेक्ट्रोनिक उपकरणों के आधार पर कम्प्यूटर जनरेशन को पांच भागों में बांटा है.

कम्प्यूटर की पहली पीढ़ी (First Generation Of Computer)

इस जनरेशन के कम्प्यूटर्स में डायोड वाल्व वैक्यूम ट्यूब का प्रयोग किया गया. इसमें दो इलैक्ट्रोड्स-कैथोड एवं एनोड होते थे, इसलिये इसे डायोड कहा गया.वाल्व होने के कारण इसे इलेक्ट्रोनिक स्वीच की भांति प्रयोग किया गया.
प्रथम इलेक्ट्रोनिक कम्प्यूटर (ENIAC) प्रथम पीढ़ी का कम्प्यूटर है. EDSAC (Electronic Delay Storage Automatic Calculator) सबसे पहला संग्रहित प्रोग्राम कम्प्यूटर था. UNIVAC (Universal Automatic Computer) सबसे पहला ऐसा इलेक्ट्रोनिक कम्प्यूटर था जिसे व्यापारिक अनुप्रयोगों के लिए तैयार किया गया था.

पहली पीढी के गुण

इस जनरेशन में प्रोग्रामिंग मशीन और असेम्बली भाषा (Programming in Machine and Assembly Language) में की जाती थी, मशीन लेंग्वेज केवल 0 और 1 पर आधारित होती हैं. कम्प्यूटर के समझने योग्य भाषा जिसमें प्रोग्राम लिखा जाय कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग भाषा कहलाती है.
इस पीढ़ी के कम्प्यूटर में वैक्यूम ट्यूब का उपयोग किया गया था. ये लगातार विद्दूत के संवहन से गरम होने के कारण जल्दी खराब हो जाते थे. अत: वातानुकूलित इकाई में रखना जरुरी होता था. वैक्यूम ट्यूब आकार में बड़ी होती थी अत: इस पीढ़ी के कम्प्यूटर के आकार भी बड़े होते थे.
इस पीढ़ी के कम्प्यूटर में इन्टरनल मेमोरी के रुप में मेग्नेटिक ड्रम का उपयोग किया जाता था.
प्रथम पीढ़ी के कम्प्यूटर का कार्य सीमित होता था.

कम्प्यूटर की दूसरी पीढ़ी

द्वितीय पीढ़ी के कम्प्यूटरों में मुख्य तार्किक उपकरण वैक्यूम ट्यूब के स्थान पर ट्राजिस्टर(Transistor) का उपयोग किया गया. ट्राजिस्टर का कार्य वैक्यूम ट्यूब के समान था लेकिन इसकी कार्य करने की गति अधिक थी तथा यह आकार में छोटा व अधिक विश्वसनीय था. ट्राजिस्टर वैक्यूम ट्यूब के स्थान पर कम गरम होता था तथा विद्दुत की खपत भी कम होती थी.

दूसरी पीढ़ी के कम्प्यूटर के गुण

मेमोरी के लिए मेग्नेटिक ड्रम के स्थान पर मेग्नेटिक कोर का प्रयोग हुआ.
Secondary Storage संग्रह के लिये पंचकार्ड के अलावा मेग्नेटिक टेप और डिस्क का प्रयोग हुआ.
इस पीढ़ी में हाई लेवल लेंग्वेज (High Level Language) का आविष्कार हुआ जैसे FORTRAN, COBOL आदि. इस भाषा में सामान्य अंग्रेजी के अक्षरों का प्रयोग किया गया जो मशीनी भाषा में प्रोग्रामिंग करने के स्थान पर काफी सरल होते थे.
ये प्रथम पीढ़ी के कम्प्यूटर से आकार में छोटे थे और संग्रह क्षमता और गति भी काफी अधिक थी.

कम्प्यूटर की तीसरी पीढ़ी (Third Generation Of Computer)

इस पीढ़ी के कम्प्यूटर में इलेक्ट्रानिक उपकरण के रुप में ट्रांजिस्टर के स्थान पर आई सी (Integrated Circuit) I.C. का उपयोग किया गया. एक IC में ट्राजिस्टर, रेजिस्टर कैपेसिटर तीनों ही समाहित हो गए. जिससे कम्प्यूटर का आकार अत्यंत छोटा होता गया.

तीसरी पीढ़ी के गुण

इस पीढ़ी के कम्प्यूटर में ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रयोग किया जाने लगा, जिसके कारण कम्प्यूटर के आंतरिक कार्य स्वचालित हो गये.
हाई लेवल लेंग्वेज में नई भाषाओं का विकास हुआ जैसे BASIC (Beginners All Purpose Symbolic Instruction Code).
मिनी कम्प्यूटर का विकास हुआ जो आकार में काफी छोटे थे.
Document बनाना तथा उन्हें प्रोसेस करना प्रारंभ हुआ.

कम्प्यूटर की चौथी पीढ़ी (Fourth Generation Of Computer)

इस पीढ़ी में लार्ज स्केल आई.सी. (Large Scale Integrated Circuit) बनाना सम्भव हुआ. एक छोटे से चिप में लाखों ट्राजिस्टर समा गये. इस चिप को माइक्रोप्रोसेसर नाम दिया गया. माइक्रोप्रोसेसर युक्त कम्प्यूटर को माइक्रो कम्प्यूटर कहा जाने लगा. सबसे पहला माइक्रोकम्प्यूटर MITS नामक कम्पनी ने बनाया.

चौथी पीढ़ी के गुण

माइक्रो कम्प्यूटर के आकार को छोटे से छोटा करना, गति तेज और कम्प्यूटर सस्ते करना.
कोर मेमोरी के स्थान पर अर्धचालक या सेमीकंडक्टर पदार्थ की मेमोरी का उपयोग हुआ. जो आकार में छोटी और गति में तेज होती थी.
नये -नये साफ्टवेयर का निर्माण हुआ. जैसे स्प्रेडशीट, एप्लीकेशन्स, डेटाबेस का कार्य करने के लिये सरल साफ्टवेयर तैयार किये गये.

पांचवी पीढी (Fifth Generation of computer)

इस पीढ़ी के कम्प्यूटर में स्वयं सोचने की क्षमता पैदा की जा रही है. कम्प्यूटर को हर क्षेत्र में कार्य करने योग्य बनाया जा रहा है.
इस पीढ़ी में सूचनाओं के आदान प्रदान के लिए कम्प्यूटर्स को जोड़कर नेटवर्क बनाया गया. जिसे इंटरनेट नाम दिया गया. दुनिया भर के कम्प्यूटर इंटरनेट से जुड़े है.
माइक्रोकम्प्यूटर का आकार दिन प्रतिदिन छोटा होता जा रहा है. आज घड़ी के आकार का कम्प्यूटर भी बाजार में उपलब्ध है. कम्प्यूटर को आकार के कारण डेस्क टॉप, लैप टॉप, पाम टॉप नाम दिया गया.
मल्टीमीडिया का विकास इसी पीढ़ी में हुआ. जिसमें ध्वनि (Sound), चित्र (Graphics), टेक्स्ट (Text) तथा एनिमेशन आदि सम्मिलित है.

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