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Wednesday, November 9, 2011

आपरेटिंग सिस्टम के प्रकार

उपयोगकर्ता की गिनती के आधार पर आपरेटिंग सिस्टम को दो भागो मे विभाजित किया गया है

1)एकल उपयोगकर्ता
एकल उपयोगकर्ता आपरेटिंग सिस्टम वह आपरेटिंग सिस्टम है जिसमे एक समय मे केवल एक उपयोगकर्ता काम कर सकता है ।

2)बहुल उपयोगकर्ता
वह आपरेटिंग सिस्टम जिसमे एक से अधिक उपयोगकर्ता एक ही समय मे काम कर सकते कर सकते है

काम करने के मोड के आधार पर भी इसे दो भागो मे विभाजित किया गया है ।

1)कैरेक्टर यूजर इंटरफेस
जब उपयोगकर्ता सिस्टम के साथ कैरेक्टर के द्वारा सूचना देता है तो इस आपरेटिंग सिस्टम को कैरेक्टर यूजर इंटरफेस कहते है
उदाहरण डॉस, यूनिक्स

2)ग्राफिकल यूजर इंटरफेस
जब उपयोग कर्ता कम्पयुटर से चित्रो के द्वारा सूचना का आदान प्रदान करता है तो इसे ग्राफिकल यूजर इंटरफेस कहा जाता है ।


आपरेटिंग सिस्टम के प्रकार ( Types of windows )

वैसे तो विभिन्न कालों में विभिन्न आपरेटिंग सिस्टमों का निर्माण हुआ पर प्रमुख रूप से प्रयोग किये जाने वाले लोकप्रिय आपरेटिंग सिस्टम की सूची नीचे दी जा रही है:


<!--[if !supportLists]-->01 <!--[endif]-->लिनक्स (Linux)


<!--[if !supportLists]-->02 <!--[endif]-->मैक एस (MacOS)


<!--[if !supportLists]-->03 <!--[endif]-->एमएस डाज (MS-DOS)


<!--[if !supportLists]-->04 <!--[endif]-->आईबीएम ओएश/2 (IBM OS/2)


<!--[if !supportLists]-->05 <!--[endif]-->यूनिक्स (Unix)


<!--[if !supportLists]-->06 <!--[endif]-->विन्डोज सीई (Windows CE)


<!--[if !supportLists]-->07 <!--[endif]-->विन्डोज 3.x (Windows 3.x)


<!--[if !supportLists]-->08 <!--[endif]-->विन्डोज 95 (Windows 95)


<!--[if !supportLists]-->09 <!--[endif]-->विन्डोज 98 (Windows 98)


<!--[if !supportLists]-->10 <!--[endif]-->विन्डोज 98 एस ई (Windows 98 SE)


<!--[if !supportLists]-->11 <!--[endif]-->विन्डोज एमई (Windows ME)


<!--[if !supportLists]-->12 <!--[endif]-->विन्डोज एनटी (Windows NT)


<!--[if !supportLists]-->13 <!--[endif]-->विन्डोज 2000 (Windows 2000)


<!--[if !supportLists]-->14 <!--[endif]-->विन्डोज एक्सपी (Windows XP)


<!--[if !supportLists]-->15 <!--[endif]-->विन्डोज व्हिस्टा (Windows Vista)

आपरेटिंग सिस्टम क्या होता है

आपरेटिंग सिस्टम क्या होता है What is Operating System



किसी कम्प्यूटर (Computer) को चलाने में आपरेटिंग सिस्टम (Operating System) की भूमिका सर्वाधिक महत्वपूर्ण होती है। दरअसल यह हमारे तथा कम्प्यूटर के बीच एक माध्यम का कार्य करता है। कम्प्यूटर हमारी भाषा नहीं समझता, वह केवल मशीनी भाषा को ही समझता है जबकि हम कम्प्यूटर की भाषा को नहीं जानते। फिर हमारे और कम्प्यूटर के बीच सम्बंध को बनाये रखने वाला दुभाषिया कौन है? - यही अपना आपरेटिंग सिस्टम (Operating System)। यह हमारी भाषा को समझ कर उसे कम्प्यूटर की भाषा में बताता है और कम्प्यूटर की भाषा को हमारी भाषा में परिवर्तित कर के हमें समझाता है।
वैसे तो कोई भी व्यक्ति यह जाने बिना कि आपरेटिंग सिस्टम क्या है, कैसे कार्य करता है, इसकी उपयोगिता क्या है बड़ी आसानी के साथ कम्प्यूटर का प्रयोग कर सकता है किन्तु उसके लिये यह और भी अच्छी बात होगी कि वह इस बातों को जान ले।
आपरेटिंग सिस्टम क्या है


यह कहा जा सकता है कि कम्प्यूटर सिस्टम के हार्डवेयर रिसोर्सेस (Hardware Resources), जैसे- मेमोरी (Memory), प्रोसेसर (Processor) तथा इनपुट-आउटपुट डिवाइसेस (Input-Output Divices) को व्यवस्थित करने के लिये बनाया गया सिस्टम सॉफ्टवेयर (System Software) ही आपरेटिंग सिस्टम (Operating System) होता है। यह व्यवस्थित रूप से जमे हुए सॉफ्टवेयर्स का समूह होता है जो कि आंकडो (data) एवं निर्देश (commands) को नियंत्रित करता है। कम्प्यूटर के प्रत्येक रिसोर्स की स्थिति का लेखा - जोखा आपरेटिंग सिस्टम ही रखता है, आपरेटिंग सिस्टम ही निर्णय करता है कि किसका, कब और कितनी देर के लिए कम्प्यूटर रिसोर्स पर नियंत्रण होगा।


आपरेटिंग सिस्टम क्यों आवश्यक है


जैसा कि ऊपर बताया जा चुका है कि आपरेटिंग सिस्टम हमारे तथा कम्प्यूटर के बीच एक माध्यम का कार्य करता है। इसके अलावा यह हार्डवेयर्स (Hardwares) तथा सॉफ्टवेयर्स (Softwares) के मध्य एक सेतु का कार्य भी करता है। आपरेटिंग सिस्टम के बिना कम्पयूटर का अपने आप मे कोई अस्तित्व ही नही है। यदि आपरेटिंग सिस्टम न हो तो कम्प्यूटर अपने हार्डवेयर्स जैसे कि कुंजीपटल (Keyboard), मानिटर (Monitor), सीपीयू (CPU) आदि के बीच कभी भी सम्बंध स्थापित नहीं कर पायेगा। आपरेटिंग सिस्टम किसी कम्प्यूटर प्रयोग करने वाले को इस जहमत से बचाता है कि वह कम्यूटर के समस्त भागो की जानकारी रखे।
आपरेटिंग सिस्टम के कार्य


आपरेटिंग सिस्टम अनेक प्रकार के उपयोगी कार्य करता है जिनमें से कुछ प्रमुख कार्य नीचे दिये जा रहे हैं:



  • फाइल पद्धति (File System) - फाइल बनाना, मिटाना तथा फाइलों को एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाना और फाइल निर्देशिका को व्यवस्थित करना।

  • प्रक्रिया (Processing) - कार्यक्रमों (Programs) और आँकडों (Data) को मेमोरी मे बाँटना, प्रक्रिया (Process) को आरम्भ करके समुचित रूप से चलाना।

  • इनपुट/आउटपुट (input/output) - सीपीयू और मानिटर (Monitor), प्रिंटर (Printer), डिस्क (Disk) आदि के बीच मध्यस्थता करना।








कम्प्यूटर क्या होता है

कम्प्यूटर क्या होता है (What is Computer )

सारांश में उपलब्ध जानकारियों को छाँटने, क्रियान्वित करने तथा सुरक्षित रखने के इलेक्ट्रानिक विधि को ही कम्प्यूटर कहा जाता है। (Computers are essentially an Electronic way to sort, process and store information.)

कम्प्यूटर के मुख्य रूप से चार घटक (Components) हैं -

  • हार्डवेयर (Hardware)
  • ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System)
  • एप्लीकेशन प्रोग्राम या सॉफ्टवेयर (Application Programs or Software)
  • यूजर्स (Users)
  • हार्डवेयर (Hardware): कम्प्यूटर के वे घटक होते हैं जिन्हें हम देख और छू सकते हैं। हार्डवेयर के अन्तर्गत सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट - सीपीयू (Central Processing Unit - CPU), फ्लॉपी ड्राइव्ह (Floppy Drive), सीडी रोम ड्राइव्ह (CD ROM Drive), मानीटर (Monitor), कीपैड (Keypad), माउस (Mouse), स्पीकर्स (Speakers) आदि आते हैं।
  • सॉफ्टवेयर (Software): कम्प्यूटर के उन घटकों को कहा जाता है जिन्हें हम देख-छू नहीं सकते किन्तु उनकी सहायता से कम्प्यूटर के द्वारा वांछित परिणाम प्राप्त कर लेते हैं। ये निर्देशों के समुच्चय होते हैं जिनके द्वारा कम्प्यूटर एक या एक से अधिक कार्यों को सम्पन्न करता है। (A set of instructions that cause a computer to perform one or more tasks)
  • ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System): कम्प्यूटर सिस्टम के हार्डवेयर रिसोर्सेस जैसे-मैमोरी, प्रोसेसर तथा इनपुट-आउटपुट डिवाइसेस को व्यवस्थित करने के लिये बनाये गये सॉफ्टवेयर को ऑपरेटिंग सिस्टम कहते है। विस्तृत जानकारी के लिये देखें सॉफ्टवेयर (Software)
  • एप्लीकेशन प्रोग्राम (Application Programs): उन सॉफ्टवेयरस् को एप्लीकेशन प्रोग्राम कहा जाता है जिनकी सहायता से हम कम्प्यूटर को दिये गये किसी निश्चित आदेश का पालन करवाते हैं, उदाहरण के तौर पर वर्ड प्रोसेसर्स (Word Processers) जैसे कि एमएस आफिस (MS Office), एकाउंटिंग सॉफ्टवेयर्स (Accounting Softwares) जैसे कि टैली (Tally) आदि।
  • यूजर्स (Users): कम्प्यूटर को प्रयोग करने वाले यूजर्स कहलाते हैं।

अपने कम्प्यूटर को गति प्रदान करें!

अपने कम्प्यूटर को गति प्रदान करें! (Speed-up your Computer!)

क्या आपके कम्प्यूटर (Computer) की गति धीमी हो गई है और वह किसी फाइल या वेबसाइट को खोलने में देर लगाता है? घबराने की कोई बात नहीं है, यहाँ दिये गये कुछ आसान मार्गदर्शन की सहायता से आप अपने कम्प्यूटर की गति बढ़ा सकते हैं।

कम्प्यूटर की गति के धीमी होने के अनेक कारणों में से एक मुख्य कारण होता है डिस्क स्पेस (Disck space) का कम होना। आप डिस्क क्लीनअप टूल (Disk Cleanup Tool) की सहायता से अपने हार्ड डिस्क (Hard Disk) के स्थान में इजाफा कर सकते हैं। डिस्क क्लीनअप टूल का प्रयोग आप निम्न कार्यों के लिये कर सकते हैं:


1..टेम्पररी इन्टरनेट फाइल्स (Temperory Internet Files) को हटाने के लिये

2..डाउनलोड प्रोग्राम फाइल्स (download program files) जैसे कि माइक्रोसॉफ्ट एक्टिव्हX कंट्रोल्स (Microsoft ActiveX) और जावा एप्लेट्स (Java applets) को हटाने के लिये

3..रीसायकल बिन (Recycle Bin) को खाली करने के लिये

4..विन्डोज टेम्पररी फाइल्स (Windows temporary files) को हटाने के लिये

5..जिन विन्डोज के वैकल्पिक घटकों (optional Windows components) का आप प्रयोग नहीं करते, उन्हें हटाने के लिये

6..इंस्टाल किये गये उन प्रोग्राम्स को हटाने के लिये जो आपके प्रयोग के नहीं हैं

डिस्क क्लीनअप टूल ( Disk Cleanup Tool )

• डिस्क क्लीनअप टूल को खोलने के लिये स्टार्टआल प्रोग्राम्सएसेसरीजसिस्टम टूल्सडिस्क क्लीनअप (StartAll ProgramsAccessoriesSystem ToolDisk Cleanup) का प्रयोग करें।




•ड्राइव्ह्स बॉक्स में यथोचित ड्राइव्ह का चयन करके OK बटन दबा दें।



•जिन फाइलों को हटाना हो उनसे सम्बंधित बॉक्सों को चेक कर के OK बटन दबा दें।

•जब कन्फर्म करने के लिये पूछा जाये तो Yes को क्लिक कर दें।

Note :- कुछ ही मिनट के बाद आपके कम्प्यूटर को साफ करके तथा उसकी गति को बढ़ा कर डिस्क क्लीनअप टूल बन्द हो जायेगा।

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